श्रीगंगानगर, कांग्रेस एससी विभाग द्वारा महात्मा गांधी राजकीय विद्यालयों को यथावत अंग्रेजी माध्यम में ही संचालित करने की मांग , श्यामलाल शेखावाटी

कांग्रेस एससी विभाग ने महात्मा गांधी राजकीय विद्यालयों को यथावत अंग्रेजी माध्यम में ही संचालित करने की मांग की

                     

श्रीगंगानगर: जिला कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग ने जिलाध्यक्ष राजेश नागर तथा जिला कांग्रेस कमेटी संगठन महामंत्री श्यामलाल शेखावाटी के नेतृत्व में जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर महात्मा गांधी राजकीय विद्यालयों को यथावत अंग्रेजी माध्यम में ही संचालित करने की मांग की है। इस अवसर पर जिला कांग्रेस कमेटी संगठन महामंत्री श्यामलाल शेखावाटी, जिला कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग जिलाध्यक्ष राजेश नागर, कांग्रेस नेता प्रवीण ढिलौड़, अजय बोहत एडवोकेट, नानक चंद खटक, मुकेश नागर आदि पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।  

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जिला कांग्रेस संगठन महामंत्री श्यामलाल शेखावाटी ने कहा कि पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार द्वारा अल्प आय वर्ग तथा दलित वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को अंग्रेजी माध्यम से नि:शुल्क शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से प्रदेशभर में विभिन्न राजकीय विद्यालयों में महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय संचालित किए गए थे। लेकिन राज्य की भाजपा सरकार द्वारा अब इन्हें बंद कर पुन: हिन्दी माध्यम करने की साजिश रची जा रही है, जिससे इन विद्यालयों में पढने वाले बच्चों के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह बना हुआ है।


जिला कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग जिलाध्यक्ष राजेश नागर ने शिक्षा विभाग तथा राज्य सरकार से मांग की है कि श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय पर पुरानी आबादी स्थित महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय नम्बर 6, विद्यालय नम्बर 7, श्याम नगर स्थित महात्मा गांधी विद्यालय, रविदास नगर स्थित महात्मा गांधी विद्यालय सहित अन्य महात्मा गांधी राजकीय  विद्यालयों को यथास्थिति अंग्रेजी माध्यम रखा जाए। 
अंग्रेजी माध्यम शिक्षा पैटर्न रखे जाने से मध्यम वर्ग एवं निम्न मध्यम वर्ग के बच्चे अंग्रेजी माध्यम से सरकारी स्कूलों में बेहतर तरीके से नि:शुल्क शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। महात्मा गांधी राजकीय विद्यालयों को हिन्दी माध्यम करने से निम्न आय वर्ग और दलित वर्ग के बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा, क्योंकि वे बच्चे अंग्रेजी से हिन्दी माध्यम में पढ़ाई पूरी ही नहीं कर पाएंगे तथा ना ही उनके अभिभावक निजी स्कूलों की फीस भर पाएंगे? ऐसे में अधिकांश बच्चों को बीच में ही पढ़ाई छोड़नी पड़ सकती है तथा यह उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा। इसलिए श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय सहित जिलेभर में संचालित अंग्रेजी माध्यम के महात्मा गांधी विद्यालयों को यथास्थिति रखा जाकर मध्यम वर्ग के बच्चों एवं उनके अभिभावकों को राहत प्रदान की जाए।


इसके साथ-साथ यह भी मांग की गई है कि उक्त स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को हिन्दी माध्यम करवाने के लिए छात्र-छात्राओं पर किसी प्रकार का दबाव नहीं बनाने तथा शिक्षा विभाग के अधिकारियों को प्रधानाध्यापकों द्वारा कहे अनुसार गलत रिपोर्ट नहीं बनाने के लिए पाबंद करते हुए सही रिपोर्ट बनाकर राज्य सरकार और जिला प्रशासन को प्रेषित की जाए तथा गलत रिपोर्ट बनाकर भेजने वालों पर कार्यवाही की जाए।


महात्मा गांधी राजकीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को पाबंद करते हुए प्रतिमाह एसएमसी सदस्यों एवं बच्चों के अभिभावकों की बैठक नियमित रूप से करवाने की मांग भी की गई है। ज्ञापन की प्रति इस सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही के लिए शिक्षा मंत्री, मुख्य सचिव, मुख्य शिक्षा सचिव, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी तथा मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को भी भेजी गई है।  

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